नाचो दे दे ताल, मजे लो होली में,
गालों मलो गुलाल, मजे लो होली में.
रंग बिरंगे चेहरों में ढून्ढो धन्नो,
घर हो या ससुराल , मजे लो होली में.
हुश्न एक के चार नज़र आयें देखो,
एनक करे कमाल , मजे लो होली में
चढे भंग की गोली ,डगमग पैर चलें,
बहकी बहकी चाल, मजे लो होली में.
ऐश्वर्या जब तुम्हे पुकारे ‘अंकल जी’,
छूकर देखो गाल, मजे लो होली में
छेडछाड में पिट सकते हो ,भैया जी,
गैंडे जैसी खाल, मजे लो होली में.
बीबी बोले मेरे संग खेलो होली,
बैठो सड्डे नाल , मजे लो होली में.
Friday, 18 March 2011
Friday, 21 March 2008
देवेगौडा बनेंगे थर्ड अम्पायर
जब वह देश के प्रधान मंत्री थे ,तब वे अपने आप को कर्नाटक का ही प्रधान मंत्री समझते थे. जब वह कर्नाटक के मुख्य मंत्री थे ,तब वे अपने आप को करनाटक का राष्ट्रपति मानते थे. अब जब वह( वास्तव में ) कुछ भी नहीं हैं तो वह अपने आप को सबसे बडा खिलाडी मान रहे हैं. खेलों में उनकी रुचि देखते हुए , सुभाष चन्द्रा तथा कपिल देव वाली अई सी एल लीग के फाइनल में उनका थर्ड अम्पायर बनाया जाना तय लग रहा है.
ग्रेग चैपल बने हौकी टीम के नये कोच्
ग्रेग चैपल के पिछले रिकर्ड को देखते हुए यह तय माना जा रहा है उन्हें अब भारतीय हौकी टीम का कोच बना दिया जायेगा.
वो खूब कोचेंगे. अछी तरह से कोचेंगे. भरतीय टीम कुच कुच कर कुछ कर गुजरेने में सक्षम हो जायेगी.
है ना चंडूखाने की बढिया खबर.
वो खूब कोचेंगे. अछी तरह से कोचेंगे. भरतीय टीम कुच कुच कर कुछ कर गुजरेने में सक्षम हो जायेगी.
है ना चंडूखाने की बढिया खबर.
भड़ास का मोहल्ले से होली मिलन्
भैया अब चंडूखाने से खबर आयेगी , वह भी होली के मौके पर, तो ऐसी ही आयेगी.
कोई भी बुरा ना माने, होली है.
कोई भी बुरा ना माने, होली है.
Monday, 10 September 2007
चंडूखाना क्यों ?
कभी कभार हमें थोडा हल्का फुल्का मनोरंजन भी करना और कराना चाहिये.
हर वक़्त गम्भीर बने रहना और भारी भरकम विषयों में उलझे रहना सेहत के लिये ज्यादा मुफीद नहीं है.
इस लिये ,आइये ,थोडा मजा और मस्ती ,हास्य,व्यंग्य, चुहल, गुदगुदी, फंटूशगीरी, तफरी,मौज, टशन,आदि इत्यादि के लिये.
आइये चंडूखाने में ,आपका स्वागत है.
यहां कोई बन्धन नहीं, कोई भाषनबाज़ी नहीं.( हां, सबकुछ, परंतु, थोडा,शालीनता के दायरे में रहना जरूरी है)
आपका
चंडू
हर वक़्त गम्भीर बने रहना और भारी भरकम विषयों में उलझे रहना सेहत के लिये ज्यादा मुफीद नहीं है.
इस लिये ,आइये ,थोडा मजा और मस्ती ,हास्य,व्यंग्य, चुहल, गुदगुदी, फंटूशगीरी, तफरी,मौज, टशन,आदि इत्यादि के लिये.
आइये चंडूखाने में ,आपका स्वागत है.
यहां कोई बन्धन नहीं, कोई भाषनबाज़ी नहीं.( हां, सबकुछ, परंतु, थोडा,शालीनता के दायरे में रहना जरूरी है)
आपका
चंडू
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