Monday 10 September 2007

चंडूखाना क्यों ?

कभी कभार हमें थोडा हल्का फुल्का मनोरंजन भी करना और कराना चाहिये.
हर वक़्त गम्भीर बने रहना और भारी भरकम विषयों में उलझे रहना सेहत के लिये ज्यादा मुफीद नहीं है.
इस लिये ,आइये ,थोडा मजा और मस्ती ,हास्य,व्यंग्य, चुहल, गुदगुदी, फंटूशगीरी, तफरी,मौज, टशन,आदि इत्यादि के लिये.
आइये चंडूखाने में ,आपका स्वागत है.
यहां कोई बन्धन नहीं, कोई भाषनबाज़ी नहीं.( हां, सबकुछ, परंतु, थोडा,शालीनता के दायरे में रहना जरूरी है)

आपका
चंडू